Violent Space (H)

इस वीडियो में हम अंतरिक्ष में होने वाली विध्वंसक घटनाओं के बारे में जानेंगे। अंतरिक्ष को समझने के लिए एक्स-रे और गामा विकिरण का अध्ययन आवश्यक है। ये छोटी तरंग दैर्ध्य और सबसे ज्यादा ऊर्जा वाली विकिरणें हैं। वातावरण ऐसी विकिरणों को बाहर ही रोक देता है। यदि ये विकिरण वातावरण को पार कर हम तक पहुंच जाए तो पृथ्वी पर तबाही मच जाएगी। ये उच्च ऊर्जा विकिरणें नाभिकीय अभिक्रियाओं से पैदा होती हैं वहां जहां तापमान 10 लाख डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा तापमान होता है। जमीनी दूरबीन के लिए इन विकिरणों का अध्ययन करना असंभव होता है लेकिन अंतरिक्ष में तैनात दूरबीनों से हम अनोखे नजारे देख सकते हैं। ऊच्च ऊर्जा विकिरणों की तस्वीरें देखकर हम अंतरिक्ष में घटित होने वाली सबसे विध्वंसक प्रक्रियाओं को समझ सकते हैं। जब तारे में संलयन रूकता है तो गुरुत्व उसकी कोर को ढह देता है। वो अचानक अंदर की तरफ ढह जाता है। एक जर्बदस्त शॉकवेव बाहरी पर्तों को कोई तीस हजार किलोमीटर प्रति सेकंड की अजब गति पर अंतरिक्ष में बिखेर देती है। मृत्यु के इस समय एक अकेला तारा बनता है उसकी ऊर्जा इतनी कि अपनी पूरी मंदाकिनी के सभी तारों की मिली-जुली चमक से भी ज्यादा चमकदार। इस विस्फोट से गामा विकिरण और एक्स-विकिरण बनती है। ये विस्फोट अरबों-खरबों परमाणु बमों के विस्फोट के बराबर होता है। हमारी अकाशगंगा में औसतन पचास साल में एक तारा सुपरनोवा होता है। अंतरिक्ष में क्वासरर्स जैसे खगोलिय पिंड भी हैं जो हर घंटे में 600 पृथ्वीयों जैसे पिंडों को निगल जाते हैं। ये कुछ ऐसा होता है जो सौ आकाशगंगाओं की मिली-जुली ऊर्जा से भी ज्यादा ऊर्जा अकेले पैदा कर सकता है। अब तक दो लाख से ज्यादा क्वार्सर ढूंढे जा चुके हैं। ये सब अरबों प्रकाश वर्ष दूर हैं। कुछ तो उस समय का है जब ब्रह्माण्ड बना भर था।

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