Science Time (H) - 27/05/2022

हमारा जीवन प्रकृति का सबसे अनुपम उपहार है। और यह जीवन निर्भर करता है हमारे आस पास के पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं, मिट्टी, हवा, पानी, महासागर-पठार, समुद्र-नदियां इन सभी पर। विडंबना ये है कि प्रकृति तकलीफ़ में है. जीव-जंतु जहरीली सांसें लेने को मजबूर हैं. समुद्र-नदियां सब प्लास्टिक से भर गए हैं। जंगलों में आग और मैदानी इलाकों में बाढ़ ने करोड़ों लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. ऐसे में हमें ऐसी शिक्षा अपनानी होगी, ऐसी टेक्नॉलॉजि बनानी होगी और ऐसा विज्ञान गढ़ना होगा, जो हर किसी के लिये एक स्वस्थ ग्रह की हिफ़ाज़त करने में मदद करे. क्योंकि पृथ्वी की प्रमुख विशेषताओं में से एक - जैव-विविधता यानी Biodiversity की उपस्थिति के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जानना दिलचस्प होगा कि जैव-विविधता है क्या ? और जैव-विविधता का संरक्षण एवं संवर्धन क्यों ज़रूरी है ? प्रकृति के साथ समरसतापूर्ण सम्बन्ध कैसे स्थापित किया जा सकता है ? सर्वजीवन हेतु एक साझा, टिकाऊ भविष्य के निर्माण का लक्ष्य कैसे पूरा हो सकता है ? इन तमाम सवालों के विश्वसनीय जवाब दे - डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के नेशनल कंज़र्वेशन प्रोग्राम के निदेशक डॉ. दिवाकर शर्मा, वन एवं जैव विविधता, टेरी के निदेशक डॉ. जितेंद्र वीर शर्मा और देशबंधु कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ इन्द्रकांत सिंह।

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