Science Time (H) - 15/07/2022

आकर्षक करियर विकल्पों में से एक है -इंजीनियरिंग। इसमें कोई दो राय नहीं कि भारत ने इंजीनियरिंग शिक्षा के लिए खुद को एक शीर्ष गंतव्य के रूप में स्थापित किया है। आईटी और सॉफ्टवेयर बूम से 2000 के दशक में इंजीनियरिंग से संबंधित पाठ्यक्रमों की मांग बड़ी तेजी से बढ़ी. अधिक से अधिक छात्रों ने इंजीनियरिंग कार्यक्रमों में दाखिला लेना शुरू कर दिया। नए-नए इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थापना हुई। लेकिन जहाँ एक तरफ इंजीनियरिंग संस्थानों की संख्या बढ़ी, वहीं बेरोजगार इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स की संख्या भी बढ़ती चली गयी. यही कारण है कि इंजीनियरिंग शिक्षा में बदलाव की, नवाचार की बात ज़ोर-शोर से की जा रही है. आखिर भारत में इंजीनियरिंग शिक्षा की कमियां और खूबियां क्या-क्या हैं? इंजीनियरिंग शिक्षा को फिर से कैसे री-इंजीनियर किया जा सकता है ? पेशेवर इंजीनियरों का भविष्य क्या है? और भारत कैसे बनेगा इंजीनियरिंग सुपरपावर ? इन तमाम सवालों के विश्वसनीय जवाब दे रहे हैं - आई.आई.टी. कानपुर के यांत्रिकी अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर अविनाश अग्रवाल।

Related Videos