Science Time (H) - 13/05/2022

तेजी से बदल रही इस दुनिया में यदि हम भविष्य की टेक्नॉलॉजी की आहट सुनने और उसकी तैयारी करने में असमर्थ रहे, तो विकास की रफ्तार में दूसरे देशों के मुक़ाबले काफी पीछे रह जाएँगे। यही कारण है कि भारत ने स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा तक और रक्षा से लेकर कृषि तक के क्षेत्र की प्रौद्योगिकी में अभूतपूर्व तरक्की की है। प्रौद्योगिकी विकास से जहाँ एक तरफ लोगों का जीवन स्तर बेहतर हुआ है, वहीं कई प्रकार के रोजगार का भी सृजन हो रहा है। मगर क्या हम भविष्य की प्रौद्योगिकी के लिए कौशल विकास पर भी ध्यान दे रहे हैं ? आने वाले समय में आखिर किस प्रक|र के कौशल की आवश्यकता होगी ? ट्रांसपोर्टेशन, हाई-स्पीड हाइपरलूप तकनीक, डेटा, क्वांटम कम्प्यूटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स से लेकर वर्चुअल रियलिटी जैसे क्षेत्रों में करियर के विकल्प क्या हैं? भविष्य की प्रौद्योगिकी में दक्षता हासिल करने के लिये अभी किस प्रकार के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं ? इन क्षेत्रों में काम करने के लिये किस प्रकार की डिग्री और पात्रता होनी चाहिए ? इन तमाम सवालों के विश्वसनीय जवाब दे रहे हैं - आई.आई.टी. कानपुर के यांत्रिकी अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर, डॉ. अविनाश कुमार अग्रवाल।

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