Sehat ki Baat: How effective is PM&R for Divyangjan?(H) 29/3/2022

मानवता की कसौटी पर देखें, तो सुरक्षित, स्वतंत्र एवं गौरवमय जीवन जीना हम सबका मौलिक अधिकार है। मगर दुर्भाग्यवश, हम में से ऐसे कई दिव्यांगजन हैं, जो इस प्रकार की जीवनशैली नहीं जी पाते। विशिष्ट रूप से दक्ष या डिफरेंट्ली एब्ल्ड लाखों लोगों के लिए यह एक यक्ष प्रश्न है कि क्या उन्हें सुरक्षित एवं गौरवमय जीवन जीने का हक प्राप्त नहीं है? क्या जीवन भर संघर्ष करते रहना ही उनकी नियति है? ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, क्योंकि भारतीय संविधान सभी नागरिकों के लिए एक समान अवसर प्रदान करता है। दिव्यांगजनों को भी सामान्य जीवन जीने का अधिकार है। आधुनिक मेडिकल उपकरण और फिजिकल मेडिसिन एन्ड रिहैबिलिटेशन ने अब यह संभव कर दिखाया है। सवाल उठता है कि आखिर क्या है - फिजिकल मेडिसिन एन्ड रिहैबिलिटेशन यानी भौतिक चिकित्सा और पुनर्वास ? शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में कैसे उपयोगी है पी.एम.आर. ? एक भौतिक चिकित्सा विशेषज्ञ और फिजियोथेरेपिस्ट में क्या अंतर है? और हाँ, भौतिक चिकित्सा और पुनर्वास के क्षेत्र में करियर की क्या संभावनाएं हैं ? इन तमाम सवालों के विश्वसनीय जवाब दे रहे हैं - , दिल्ली के फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन विभागाध्यक्ष, डॉ. संजय वधवा।

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