Lt Gen Madhuri Kanitkar : Soldier, Educator, Researcher (H)

लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानिटकर: सैनिक, शिक्षक, अन्वेषक एक सैनिक और एक अन्वेषक का एक दुर्लभ संयोजन, भारत की 30 लाख की मजबूत सशस्त्र बलों में अगर कहीं मिलता है, तो एक सर्वोच्च रैंकिंग वाली महिला अधिकारी में मिलता है, इसके साथ ही वह प्रतिष्ठित (पीएम-एसटीआईएसी),यानी प्रधानमंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद के सदस्य के रूप में भी कार्य करती हैं। लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानिटकर वास्तव में एक ऐसी सैनिक हैं, जो एक बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में प्रशिक्षित हैं, वह लगभग चार दशकों से भारतीय सेना की सेवा कर रही हैं। सेना में रहते हुए वो कभी अग्रिम पंक्ति में तैनात थीं और उन्होंने जीवन बचाने के लिए नवाचार करते हुए चिकित्सा प्रोटोकॉल में कई बदलाव किए। वे एक निडर और साहसी अधिकारी हैं और किसी भी पेशेवर मंच पर अपनी अनूठी विचार प्रक्रिया को रखने से नहीं हिचकिचाती। वह शिक्षिका भी रही हैं और पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज में डीन के रूप में कार्य किया है। एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय के एक अंश के रूप में वह चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की मुख्य कर्मचारी अधिकारी हैं, जहां उन्होंने कोविड-19 के रूप में अदृश्य दुश्मन के खिलाफ जंग लड़ने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। यह ध्यान रखना दिलचस्प होगा कि वह उस टीम का हिस्सा हैं, जिसने इस विनाशकारी महामारी के प्रक्षेपपथ की भविष्यवाणी करने के लिए गणितीय 'सुपर मॉडल' विकसित किया है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के साथ, जनरल कानिटकर ने भारत के नवाचार रोड मैप को तराशने में मदद की है। अपना हक पाने के लिए, वे एक बार रेलवे इंजन के सामने अड़कर खड़ी हो गई थी।

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